Aisa Hoga Kalyug Lyrics in Hindi. The Bhakti Song is Sung by Narci. And Music Lyrics is written by Narci. And Song Composed by Narci. Music Label by Narci.
गीत: | ऐसा होगा कलयुग |
गायक: | नार्सी |
गीतकार: | नार्सी |
संगीत: | नार्सी |
Aisa Hoga Kalyug Lyrics in Hindi
कलयुग में मनुष्य
दूसरे के दुःख में अपने सुख ढूंढेगा
अपने परिवार का पेट पालने के लिए
दूसरों की हत्या करने में भी उसे कोई ग्लानि
कोई पश्चाताप नहीं होगा
दुसरों के रक्त में सानी हुई रोटी
वो स्वयं भी खाएगा
और अपनी संतान को भी खिलायेंगा
अपने भी पराए हो जाएंगे
खून के रिश्ते मैल होंगे
शर्म करेगा कोई ना
पक्ष आसुरी भयेगा,
धरम पढ़ेगा कोई ना
कर्म की बातें सब करेंगे
हाथों में ले गीता को
फलों की सबको चिंता होगी,
कर्म करेगा कोई ना
न्याय बिकेगा खुला और
मौन पड़ेंगे न्यायाधीश
लोगों के ही आगे होगी
हत्या फिर तो न्याय की
जिसने ना कसूर किया
वो कारागार में रोएगा
जान लेगा भाई सागा
स्वयं अपने भाई की
आवाज उठेगी नेकी की
ना सब करेंगे छोटा मन
लोग हंसेंगे देख किसी का
बेबसी में रोता क्षण
द्वापर से भी नीचे
यहां होंगे सौ दुर्योधन
चीयर फटेगा नारी का तो
सब बनेंगे श्रोतागन
नीच बड़े उकसाएंगे
कि त्याग देना तू धर्म
हरि कथा छोड़ और
काली के आके छू चरण
माँ, भाभी और बहनों को
ना छोड़ेंगे वो भेडीये
बच्चों से भी नीचे करेंगे
वो गिरोह में कूकर्म
आने वाला काला युग
होगा कुछ ऐसा
पूजेंगे वो देव एक ही
जिसे कहेंगे पैसा
रिश्तों को ये खायेगा,
न्याय रखेगा जेब में
पैसे का हां जादू
कुछ होगा प्राणी ऐसा
श्रद्धा झूठी कभी भी
दिल की कालिक को है धोती ना
ढोंगियों की झूठी लीला
कभी ढोंग से थकती ना
मंदिरों के आगे ये
नाचेंगे श्रंगार में
पाने को प्रसिद्धि बस
ढोंग करेंगे भक्ति का
अरे ये तो कुछ भी नहीं है
कलयुग में मनुष्य की विचारधार
इससे भी गिरी हुई होगी
अस्थायी सुखों को पाने हेतु
सभी हवस को भागेंगे
साहस होगा जीने का ना,
काया खुद की टांगेंगे
नहीं मिलेंगे श्रवण कुमार,
मांगेंगे सब संपत्ति
राम नाम तो लेंगे पर
मर्यादा भी लांघेंगे
मदिरा, जुआ, सोना, काम
बैठेंगे ये सर पर ही
वेश्यालय ही करेंगे तब
सबके मन को आकर्षित
लहू लगेगा मुह ऐसा की
मानवता को भूल जायेंगे
पशूओं तक न सिमित होंगे
बनेंगे सारे नरभक्षी
प्रेम की परिभाषा भी ये
देंगे यहां पे पूरी रौंध
दे वचन ये प्रेमी को
करेंगे सारों से सम्भोग
कलि काल के प्राणि ना
सात वचन निभाएंगे
ना निष्ठा होगी रिश्तों में,
चिंता का बस होगा ढोंग
छोटे से ही विवरण में
लेना तुम अनुमान लगा
असुरों से भी नीचे बनेंगे
सृष्टि के इंसान वहां
प्रह्लाद के जैसा मिला कोई तो
भवसागर के होगा पार
बैठेगा ना कोई वरना
नारायण में ध्यान लगा
कलयुग की सबसे बड़ी विडंबना ये होगी
कि मनुष्य अपने छोटे से स्वार्थ के लिए
दूसरों के बड़े-बड़े हितों को
भेंट चढ़ाने से संकोच नहीं करेगा
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Video Song of Aisa Hoga Kalyug:
Summary
Song: Aisa Hoga Kalyug
Singer: Narci
Lyrics: Narci
Music: Narci
Music Label: Narci